शुक्रवार, 22 जनवरी 2016





हमारा लक्ष्य एक था, एक हमेशा रहा भी है और रहेगा हम जो प्रयास करते है उसे पूरा करने की कोशिश कर उसे एक उम्मीदों में छोड़ कर जनता से और हमारी परिवार यानि हमारा परिवार राजगढ़ और मोहल्ला है जिनसे और खासकर उन बुद्धिजीवी लोगो से प्रेरणा लेकर हम अपने लक्ष्य को गति पाकर हमारे मन में एक उम्मीद के साथ आने वाले कल में अनेक आयोजन जो आगे जैसा हमारा लक्ष्य है की प्रतिभाओ को एक मंच मिले ताकि उसे प्रोत्साहित कर सके।हमारा पहला सन्गठन क्रांति गुरु संगठन के नाम से था उसमे हमारी संख्या 15 से 20 थी उस समय देशभक्ति से एक आवाज़ उठाने के लिये हमने संकल्प लिया था की हमे नगर को भारत माता के प्रति आस्था के साथ देश के प्रति देशभक्ति दिखाये ताकि एक राष्ट्र के प्रति कम से कम एक भक्ति करने की आशा जागे इसके लिए 15 अगस्त को भारत माता की यात्रा निकली जिसमे हमे अनेक बुद्धिजीवी लोगो का साथ मिला लेकिन 20 से 30 लोग उसमे आए तो हमारे सदस्यों ने सोचा क्यों नही कुछ अलग कार्यक्रम करे अगली बार फिर भी हमे प्रयास जरी रख दूसरे साल 15 अगस्त को यह भारत माता यात्रा निकाली फिर कुछ व्ही दृश्य दिखा तो एक चबूतरा चोरहे से माहोल बना ने के लिए मैन चौपाटी पर रोक दिया ताकि कोई उमंग हमे तो जगाते लेकिन कोई आये तो दो मिनट 10 मिनट खड़े हो जाते फिर हमारे सदस्यो ने सोचा यही समापन कर भारत माता की आरती कर इस कार्यक्रम को यही विराम दिया।
    फिर एक परिवार की मदद के लिए अनाज और कुछ उनको उपयोगी समान भेंट किये।उसके बाद कुछ सामाजिक कार्य जेसे एक शोभायात्रा में हलवा खिचड़ी ऎसे कार्यक्रम किये। और संग़ठन टूट गया।
पुन एक उम्मीद जगी और उस समय हमे एक बन्दर यानि वानर की बिजली से करन्ट लग देवलोकगमन हो गया तो बेंड बाजो से लेकर फिर उसे अनुकूल जमीं जहाँ विधि विधान से गाढ़ कर नमन किया व् उस स्थान वापस लौट कर आए लेकिन आपको एक बात तो बताना भूल गया उस समय अंतिम यात्रा में लोगो वानर को नमन् कर रुपये चढ़ाये तो उसे उठाकर उस गली में सूंदर कांड पाठ का आयोजन एक मण्डली द्वारा किया था उसके बाद उसी की याद में दुबारा भव्य आयोजन गली के लोगो के सहयोग से हुवा था लेकिन उसके बाद जिस महीने में वह देवलोक को गए थे वह समय बारिश का था तो बारिश की वजह से वह अगली बार नही किया गया।
फिर दीपावली पर रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन रखा था जिसमे विषय था बेटी बचाओ,स्वछता सन्देश,पर्यावरण सन्देश जेसे समाज में नई दिशा दे ऎसी रंगोलियां बनाइये और जैसा की हमारा लक्ष्य था की प्रतिभा को मंच व सम्मान मिले इसलिये हमने कोई नियम नही दिये और जितनी हो सके उतनी आकर्षक रंगोली बनी सभी ने हमारे कार्यक्रम को सरहनीय बता या।
अक्षय भंडारी व तरुण पवाँर राजगढ़ जिला धृ मध्यप्रदेश।